अध्यात्म जगत के महासूर्य के ज्योतिचरण से पावन हुआ राजभवन व मुख्यमंत्री आवास
मुख्यमंत्री गहलोत ने स्वयं कराई आचार्यश्री को गोचरी
आशा पटेल
जयपुर. राजधानी जयपुर के पग-पग को अपने चरणरज से पावन बनाने वाले जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के शान्तिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी का मंगल स्पर्श पाकर राजभवन तथा मुख्यमंत्री आवास आध्यात्मिकता के आलोक से जगमगा उठे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सपरिवार अपने परिवार के साथ आचार्यश्री के दर्शन, उपासना व मंगल वचनामृत से लाभान्वित होने के उपरान्त अपने हाथों से आचार्यश्री को गोचरी भी कराई तो वहीं राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को भी आचार्यश्री के दर्शन और मंगलप्रेरणा से लाभान्वित होने का अवसर मिला। इसके अलावा आचार्यश्री राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के आवास और भारत के भूतपूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के आवास पर भी पधारकर पावन प्रेरणा प्रदान की। तदुपरान्त आचार्यश्री लगभग सात किलोमीटर का विहार कर श्यामनगर स्थित भिक्षु साधना केन्द्र में पधारे। भिक्षु साधना केन्द्र में उपस्थित श्रद्धालुओं को आचार्यश्री ने चार कषायों में मुख्य गुस्से को उपशांत करने की पावन प्रेरणा प्रदान की।
30 दिसम्बर को प्रातः आचार्यश्री अपनी धवल सेना संग विद्याधरनगर से प्रस्थित हुए। कुछ किलोमीटर का विहार कर आरएसएस द्वारा संचालित आदर्श विद्या मंदिर में पधारकर विद्यार्थियों को पावन प्रेरणा प्रदान की। आचार्यश्री सिविल लाइन्स स्थित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर पधारे तो स्वयं मुख्यमंत्री अपने आवास के मुख्य द्वार पर उपस्थित होकर आचार्यश्री का स्वागत किया। आचार्यश्री के पावन पदार्पण से स्वयं गहलोत ही नहीं उनका पूरा परिवार धन्यता की अनुभूति कर रहा था। आचार्यश्री ने गहलोत व परिवार को पावन प्रेरणा प्रदान करने के उपरान्त कुछ समय वार्तालाप का भी क्रम रहा। आचार्यश्री वहां से प्रस्थित हुए तो पुनः गहलोत आचार्यश्री को मुख्य द्वार तक पहुंचाने के लिए पैदल चले। उन्हें आशीर्वाद और पावन प्रेरणा प्रदान कर आचार्यश्री महाश्रमणजी राजस्थान के प्रथम नागरिक राज्यपाल कलराज मिश्र के आवास राजभवन में पधारे तो राजभवन की मानों फिजा ही बदल गई। राज्यपाल मिश्र ने भी आचार्यश्री का भावपूर्ण स्वागत किया। आचार्यश्री ने उन्हें भी पावन प्रेरणा व अपने मंगल आशीष से आच्छादित कर गतिमान हुए तो राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के आवास परिसर में भी पधारे। हालांकि श्रीमती राजे की अनुपस्थिति में आवास परिसर के सभी लोगों ने आचार्यश्री का भावभीना स्वागत किया। आचार्यश्री ने सभी को पावन प्रेरणा के साथ नशामुक्ति के संकल्प भी ग्रहण कराए। आचार्यश्री भारत के भूतपूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के परिवार पर भी कृपा बरसाने उनके आवास में पधारे और उनके परिजनों को पावन आशीष प्रदान की। इस प्रकार तेरापंथ अधिशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की ऐसी कृपा देख जन-जन भावविभोर नजर आ रहा था। इस कृपा के कारण आचार्यश्री जब श्यामनगर स्थित भिक्षु साधना केन्द्र में पधारे तो अपराह्न के करीब दो बजे रहे थे। श्यामनगरवासी श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य का भव्य स्वागत किया।
भिक्षु धाम साधना केन्द्र में वर्चुअल रूप से आचार्यश्री कार्यक्रम में उपस्थित जनता को चार कषायों में प्रथम गुस्सा को उपशांत करने के लिए ध्यान, जप, दीर्घश्वास आदि का प्रयोग की पावन प्रेरणा प्रदान की। आचार्यश्री ने आगे कहा कि आज हम श्यामनगर स्थित इस भिक्षु साधना केन्द्र में आए हैं। यहां मंत्रीमुनिश्री का अंतिम चतुर्मास हुआ था। श्यामनगर भी श्रद्धा का अच्छा क्षेत्र है। यहां के लोगों में धार्मिक भावना बनी रहे, धार्मिक गतिविधियां चलती रहें और यहां की जनता में भी अहिंसा यात्रा के तीनों आयाम सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति का प्रभाव बना रहे।
आचार्यश्री के स्वागत में तेरापंथ किशोर मण्डल-जयपुर, तेरापंथ महिला मण्डल-जयपुर, तेरापंथ महिला मण्डल-सी स्कीम, तेरापंथ कन्या मण्डल-सी स्कीम, श्यामनगर ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाएं व बालक आदित्य नाहटा ने गीत का संगान किया। भिक्षु साधना केन्द्र समिति के अध्यक्ष नवरतनमल नखत, तेरापंथ युवक परिषद-जयपुर के मंत्री सुरेन्द्र नाहटा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। ज्ञानशाला, श्यामनगर के ज्ञानार्थियों ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी। आचार्यश्री के दर्शन को राजस्थान के खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी।
जयपुर. राजधानी जयपुर के पग-पग को अपने चरणरज से पावन बनाने वाले जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के शान्तिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी का मंगल स्पर्श पाकर राजभवन तथा मुख्यमंत्री आवास आध्यात्मिकता के आलोक से जगमगा उठे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सपरिवार अपने परिवार के साथ आचार्यश्री के दर्शन, उपासना व मंगल वचनामृत से लाभान्वित होने के उपरान्त अपने हाथों से आचार्यश्री को गोचरी भी कराई तो वहीं राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को भी आचार्यश्री के दर्शन और मंगलप्रेरणा से लाभान्वित होने का अवसर मिला। इसके अलावा आचार्यश्री राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के आवास और भारत के भूतपूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के आवास पर भी पधारकर पावन प्रेरणा प्रदान की। तदुपरान्त आचार्यश्री लगभग सात किलोमीटर का विहार कर श्यामनगर स्थित भिक्षु साधना केन्द्र में पधारे। भिक्षु साधना केन्द्र में उपस्थित श्रद्धालुओं को आचार्यश्री ने चार कषायों में मुख्य गुस्से को उपशांत करने की पावन प्रेरणा प्रदान की।
30 दिसम्बर को प्रातः आचार्यश्री अपनी धवल सेना संग विद्याधरनगर से प्रस्थित हुए। कुछ किलोमीटर का विहार कर आरएसएस द्वारा संचालित आदर्श विद्या मंदिर में पधारकर विद्यार्थियों को पावन प्रेरणा प्रदान की। आचार्यश्री सिविल लाइन्स स्थित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर पधारे तो स्वयं मुख्यमंत्री अपने आवास के मुख्य द्वार पर उपस्थित होकर आचार्यश्री का स्वागत किया। आचार्यश्री के पावन पदार्पण से स्वयं गहलोत ही नहीं उनका पूरा परिवार धन्यता की अनुभूति कर रहा था। आचार्यश्री ने गहलोत व परिवार को पावन प्रेरणा प्रदान करने के उपरान्त कुछ समय वार्तालाप का भी क्रम रहा। आचार्यश्री वहां से प्रस्थित हुए तो पुनः गहलोत आचार्यश्री को मुख्य द्वार तक पहुंचाने के लिए पैदल चले। उन्हें आशीर्वाद और पावन प्रेरणा प्रदान कर आचार्यश्री महाश्रमणजी राजस्थान के प्रथम नागरिक राज्यपाल कलराज मिश्र के आवास राजभवन में पधारे तो राजभवन की मानों फिजा ही बदल गई। राज्यपाल मिश्र ने भी आचार्यश्री का भावपूर्ण स्वागत किया। आचार्यश्री ने उन्हें भी पावन प्रेरणा व अपने मंगल आशीष से आच्छादित कर गतिमान हुए तो राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के आवास परिसर में भी पधारे। हालांकि श्रीमती राजे की अनुपस्थिति में आवास परिसर के सभी लोगों ने आचार्यश्री का भावभीना स्वागत किया। आचार्यश्री ने सभी को पावन प्रेरणा के साथ नशामुक्ति के संकल्प भी ग्रहण कराए। आचार्यश्री भारत के भूतपूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के परिवार पर भी कृपा बरसाने उनके आवास में पधारे और उनके परिजनों को पावन आशीष प्रदान की। इस प्रकार तेरापंथ अधिशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की ऐसी कृपा देख जन-जन भावविभोर नजर आ रहा था। इस कृपा के कारण आचार्यश्री जब श्यामनगर स्थित भिक्षु साधना केन्द्र में पधारे तो अपराह्न के करीब दो बजे रहे थे। श्यामनगरवासी श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य का भव्य स्वागत किया।
भिक्षु धाम साधना केन्द्र में वर्चुअल रूप से आचार्यश्री कार्यक्रम में उपस्थित जनता को चार कषायों में प्रथम गुस्सा को उपशांत करने के लिए ध्यान, जप, दीर्घश्वास आदि का प्रयोग की पावन प्रेरणा प्रदान की। आचार्यश्री ने आगे कहा कि आज हम श्यामनगर स्थित इस भिक्षु साधना केन्द्र में आए हैं। यहां मंत्रीमुनिश्री का अंतिम चतुर्मास हुआ था। श्यामनगर भी श्रद्धा का अच्छा क्षेत्र है। यहां के लोगों में धार्मिक भावना बनी रहे, धार्मिक गतिविधियां चलती रहें और यहां की जनता में भी अहिंसा यात्रा के तीनों आयाम सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति का प्रभाव बना रहे।
आचार्यश्री के स्वागत में तेरापंथ किशोर मण्डल-जयपुर, तेरापंथ महिला मण्डल-जयपुर, तेरापंथ महिला मण्डल-सी स्कीम, तेरापंथ कन्या मण्डल-सी स्कीम, श्यामनगर ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाएं व बालक आदित्य नाहटा ने गीत का संगान किया। भिक्षु साधना केन्द्र समिति के अध्यक्ष नवरतनमल नखत, तेरापंथ युवक परिषद-जयपुर के मंत्री सुरेन्द्र नाहटा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। ज्ञानशाला, श्यामनगर के ज्ञानार्थियों ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी। आचार्यश्री के दर्शन को राजस्थान के खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी।