एसीसी ने किचन गार्डन इंटरवेंशन प्रोग्राम के माध्यम से कर्नाटक में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में उठाए महत्वपूर्ण कदम
कर्नाटक, 28 नवंबर 2023- विविधीकृत अदाणी समूह की सीमेंट और निर्माण सामग्री कंपनी एसीसी ने अपनी सीएसआर पहल के एक हिस्से के रूप में किचन गार्डन कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण समुदायों की आजीविका में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। ऐसी ही एक सफलता की कहानी सामने आई है कर्नाटक के बेल्लारी जिले के कुडिथिनी गांव से। यहां सरोजम्मा नामक महिला अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए स्वयं सहायता समूहों की भूमिका और किचन गार्डन की परिवर्तनकारी शक्ति का जीवंत प्रमाण बन गई हैं।किचन गार्डन इंटरवेंशन प्रोग्राम के माध्यम से एसीसी का लक्ष्य टिकाऊ घरों की नींव तैयार करना और आत्मनिर्भर समुदायों के विकास को बढ़ावा देना है। स्वयं सहायता समूहों के साथ साझेदारी करके और आवश्यक संसाधन प्रदान करके, एसीसी और अदाणी फाउंडेशन महिलाओं को समृद्ध किचन गार्डन विकसित करने के लिए सशक्त बनाता है। ये उद्यान उनके आहार को समृद्ध बनाने में मदद करते हैं और साथ ही उनमें आत्मनिर्भरता और गौरव की भावना भी पैदा करते हैं।
परिवर्तन की इस दास्तान को जीवंत रूप में देखना हो तो मिलिए सरोजम्मा नामक महिला से। दो लोगों के परिवार के साथ रहते हुए सरोजम्मा, जिले के कई अन्य लोगों की तरह, अपने खेत में उगाई जाने वाली फसलों पर बहुत अधिक निर्भर थीं और स्थानीय बाजार से उपज खरीदती थीं। इससे उनका आहार अनाज और मौसमी सब्जियों तक सीमित हो गया। अपने परिवार के आहार संबंधी स्वाद को बढ़ाने के लिए नए रास्ते तलाशने की इच्छा के साथ, वह एसीसी के किचन गार्डन इंटरवेंशन प्रोग्राम में शामिल हुईं। आज सरोजम्मा का बगीचा मिर्च, मूली, भिंडी, सेम, धनिया, हरी पत्तेदार सब्जियों और टमाटर के एक जीवंत बगीचे के रूप में विकसित हो चुका है। प्रचुर मात्रा में फसल न केवल पूरे परिवार की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करती है, बल्कि उनकी अपेक्षाओं से भी अधिक होती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पहल ने बाहरी बाजारों पर उनकी निर्भरता को काफी हद तक कम कर दिया है।
किचन गार्डन इंटरवेंशन प्रोग्राम दरअसल एसीसी और अदाणी फाउंडेशन का एक आधारशिला कार्यक्रम है, जिसमें स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बीज वितरित करना और हैंड-पंप और अपशिष्ट निपटान क्षेत्रों के पास उद्यान स्थापित करना शामिल है। इस पहल का उद्देश्य खाद्य स्रोतों में विविधता लाना है, जिससे बाजारों से खरीदी गई उपज पर निर्भरता कम हो सके।
एसीसी का किचन गार्डन इंटरवेंशन प्रोग्राम ग्रामीण महिलाओं को उनके किचन गार्डन की खेती के लिए आवश्यक संसाधन और पर्याप्त जानकारी प्रदान करके सशक्त बनाने पर केंद्रित है। इस पहल के माध्यम से, सरोजम्मा जैसी महिलाएं विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां और जड़ी-बूटियां उगा सकती हैं, जिससे उनके परिवारों के लिए विविध और पोषण से भरपूर आहार सुनिश्चित हो सके। टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देकर कार्यक्रम खाद्य सुरक्षा को बढ़ाता है और स्थानीय समुदायों के आर्थिक विकास में योगदान देता है।
सकारात्मक बदलाव की दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए एसीसी और अदाणी फाउंडेशन अपनी सामाजिक पहल के माध्यम से खाद्य सुरक्षा, आर्थिक विकास और ग्रामीण भारत के उज्जवल भविष्य को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
परिवर्तन की इस दास्तान को जीवंत रूप में देखना हो तो मिलिए सरोजम्मा नामक महिला से। दो लोगों के परिवार के साथ रहते हुए सरोजम्मा, जिले के कई अन्य लोगों की तरह, अपने खेत में उगाई जाने वाली फसलों पर बहुत अधिक निर्भर थीं और स्थानीय बाजार से उपज खरीदती थीं। इससे उनका आहार अनाज और मौसमी सब्जियों तक सीमित हो गया। अपने परिवार के आहार संबंधी स्वाद को बढ़ाने के लिए नए रास्ते तलाशने की इच्छा के साथ, वह एसीसी के किचन गार्डन इंटरवेंशन प्रोग्राम में शामिल हुईं। आज सरोजम्मा का बगीचा मिर्च, मूली, भिंडी, सेम, धनिया, हरी पत्तेदार सब्जियों और टमाटर के एक जीवंत बगीचे के रूप में विकसित हो चुका है। प्रचुर मात्रा में फसल न केवल पूरे परिवार की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करती है, बल्कि उनकी अपेक्षाओं से भी अधिक होती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पहल ने बाहरी बाजारों पर उनकी निर्भरता को काफी हद तक कम कर दिया है।
किचन गार्डन इंटरवेंशन प्रोग्राम दरअसल एसीसी और अदाणी फाउंडेशन का एक आधारशिला कार्यक्रम है, जिसमें स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बीज वितरित करना और हैंड-पंप और अपशिष्ट निपटान क्षेत्रों के पास उद्यान स्थापित करना शामिल है। इस पहल का उद्देश्य खाद्य स्रोतों में विविधता लाना है, जिससे बाजारों से खरीदी गई उपज पर निर्भरता कम हो सके।
एसीसी का किचन गार्डन इंटरवेंशन प्रोग्राम ग्रामीण महिलाओं को उनके किचन गार्डन की खेती के लिए आवश्यक संसाधन और पर्याप्त जानकारी प्रदान करके सशक्त बनाने पर केंद्रित है। इस पहल के माध्यम से, सरोजम्मा जैसी महिलाएं विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां और जड़ी-बूटियां उगा सकती हैं, जिससे उनके परिवारों के लिए विविध और पोषण से भरपूर आहार सुनिश्चित हो सके। टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देकर कार्यक्रम खाद्य सुरक्षा को बढ़ाता है और स्थानीय समुदायों के आर्थिक विकास में योगदान देता है।
सकारात्मक बदलाव की दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए एसीसी और अदाणी फाउंडेशन अपनी सामाजिक पहल के माध्यम से खाद्य सुरक्षा, आर्थिक विकास और ग्रामीण भारत के उज्जवल भविष्य को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।