वी ने 23000 से अधिक नोटबुक्स का इस्तेमाल कर दुनिया के सबसे बड़े नोटबुक सेंटेंस के साथ गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्डन्न् बनाया
लखनऊ, 04 दिसंबर, 2023: वर्तमान में चल रहे अपने कैंपेन ‘बी समवन्स वी’ जिसका उद्देश्य लोगों को प्यार एवं देखभाल का अहसास कराकर बेहतर आज एवं उज्जवल कल का निर्माण करना है, के मद्देनज़र जाने-माने दूरसंचार सेवा प्रदाता वी ने 23071 नोटबुक्स का उपयोग कर दुनिया के सबसे बडे़ नोटबुक सेंटेंस के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।
इस पहल का आयोजन उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित जानेश्वर मिश्रा पार्क में किया गया, जहां वी के कर्मचारियों एवं उनके परिवारों, उम्मीद फाउन्डेशन, केयर एजुकेशन ट्रस्ट, आदिज्योति सेवा समिति और बाल शाश्वत फाउन्डेशन से 500 ज़रूरतमंद बच्चां सहित 700 से अधिक लोगों ने एक साथ मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा नोटबुक सेंटेंस- ‘बी समवन्स वी’ बनाया और इसके माध्यम से समावेशन एवं एकजुटता का संदेश दिया।
वी वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने में इस्तेमाल हुई 23071 नोटबुक्स को उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्रालय को दान में देगा। इस गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड को बनाने का मुख्य उद्देश्य इस बात पर रोशनी डालना है कि किस तरह एक नेटवर्क पूरे समुदाय को एकजुट करता है और मानवीय/सामजिक रिश्तों को जोड़ने वाले पुल की तरह काम करता है। इसके अलावा समावेशन एवं एकजुटता की भावना को बढ़ावा देना भी इसका मुख्य उद्देश्य है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के माननीय उपमुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक जी भी वी की इस पहल को समर्थन प्रदान करने के लिए मौजूद रहे। उन्होंने एनजीओ के बच्चों और वी के कर्मचारियों के साथ कुछ समय बिताया और सभी को वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में मौजूद अन्य दिग्गजों में श्रीमति बेबी रानी मौर्य, माननीय केबिनेट महिला एवं बाल विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्रीमति सुषमा खर्कवाल, माननीय मेयर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश भी मौजूद रहे।
इस उपलब्धि पर उत्साह व्यक्त करते हुए प्रवीण कुमार, ऑपेरशन्स डायरेक्टर, वोडाफोन आइडिया ने कहा, ‘‘सबसे बड़े नोटबुक सेंटेंस के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की इस उपलब्धि को हासिल करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। भारत में अकेलापन बढ़ रहा है और इस विश्व रिकॉर्ड के माध्यम से हम देश को यह संदेश देना चाहते हैं कि आपका छोटा सा प्रयास किसी व्यक्ति को यह अहसास करा सकता है कि वह अकेला नही है। कोई है जो उसे प्यार देने और उसकी देखभाल करने के लिए मौजूद है। यह वर्ल्ड रिकॉर्ड लोगों को एक दूसरे के साथ जोड़कर एकजुटता और समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम है। मैं लखनऊ के बच्चों और लोगों के प्रति आभारी हूं जिन्होंने इस उपलब्धि को संभव करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज हम बच्चों के लिए ‘वी’ बन गए हैं और दूसरों के लिए भी एकजुटता की इस यात्रा को जारी रखना चाहते हैं।’’
वर्ल्ड रिकॉर्ड पर बात करते हुए स्वप्निल डंगारिकर, आधिकारिक निर्णायक, गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने कहा, ‘‘यह सबसे बड़ा नोटबुक सेंटेंस बनाने का रिकॉर्ड प्रयास था। इससे पहले यह रिकॉर्ड 2019 में 7674 नोटबुक्स के साथ बनाया गया, उस समय भी मैं निर्णायक था। आज एक बार फिर से मैंने देखा कि वोडाफोन आइडिया ने कितनी नोटबुक्स का इस्तेमाल कर यह रिकॉर्ड बनाया। नोटबुक्स और डिज़ाइन पहले से अनुमोदित थे। फाइनल जांच के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि 23071 नोटबुक्स के साथ वोडाफोन आइडिया ने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है और सबसे बड़े नोटबुक सेंटेंस के साथ नया गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। मैं इस उपलब्धि के लिए वी को बधाई देना चाहूंगा।’’
वी का मौजूदा कैंपेन ‘बी समवन्स वी’ यह शक्तिशाली संदेश देता है कि अच्छे-बुरे हर समय में एक दूसरे का साथ दें, आप छोटे से प्रयासों से भी दूसरों के प्रति सहानुभूति को दर्शा सकते हैं। इसका उद्देश्य ऐसी समावेशी दुनिया का निर्माण करना है, जहां लोग अपने आप को अकेला महसूस न करें, उन्हें यह अहसास हो कि कोई है जो उनकी देखभाल करने, उन्हें प्यार करने के लिए मौजूद है।
इस पहल का आयोजन उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित जानेश्वर मिश्रा पार्क में किया गया, जहां वी के कर्मचारियों एवं उनके परिवारों, उम्मीद फाउन्डेशन, केयर एजुकेशन ट्रस्ट, आदिज्योति सेवा समिति और बाल शाश्वत फाउन्डेशन से 500 ज़रूरतमंद बच्चां सहित 700 से अधिक लोगों ने एक साथ मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा नोटबुक सेंटेंस- ‘बी समवन्स वी’ बनाया और इसके माध्यम से समावेशन एवं एकजुटता का संदेश दिया।
वी वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने में इस्तेमाल हुई 23071 नोटबुक्स को उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्रालय को दान में देगा। इस गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड को बनाने का मुख्य उद्देश्य इस बात पर रोशनी डालना है कि किस तरह एक नेटवर्क पूरे समुदाय को एकजुट करता है और मानवीय/सामजिक रिश्तों को जोड़ने वाले पुल की तरह काम करता है। इसके अलावा समावेशन एवं एकजुटता की भावना को बढ़ावा देना भी इसका मुख्य उद्देश्य है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के माननीय उपमुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक जी भी वी की इस पहल को समर्थन प्रदान करने के लिए मौजूद रहे। उन्होंने एनजीओ के बच्चों और वी के कर्मचारियों के साथ कुछ समय बिताया और सभी को वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में मौजूद अन्य दिग्गजों में श्रीमति बेबी रानी मौर्य, माननीय केबिनेट महिला एवं बाल विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्रीमति सुषमा खर्कवाल, माननीय मेयर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश भी मौजूद रहे।
इस उपलब्धि पर उत्साह व्यक्त करते हुए प्रवीण कुमार, ऑपेरशन्स डायरेक्टर, वोडाफोन आइडिया ने कहा, ‘‘सबसे बड़े नोटबुक सेंटेंस के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की इस उपलब्धि को हासिल करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। भारत में अकेलापन बढ़ रहा है और इस विश्व रिकॉर्ड के माध्यम से हम देश को यह संदेश देना चाहते हैं कि आपका छोटा सा प्रयास किसी व्यक्ति को यह अहसास करा सकता है कि वह अकेला नही है। कोई है जो उसे प्यार देने और उसकी देखभाल करने के लिए मौजूद है। यह वर्ल्ड रिकॉर्ड लोगों को एक दूसरे के साथ जोड़कर एकजुटता और समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम है। मैं लखनऊ के बच्चों और लोगों के प्रति आभारी हूं जिन्होंने इस उपलब्धि को संभव करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज हम बच्चों के लिए ‘वी’ बन गए हैं और दूसरों के लिए भी एकजुटता की इस यात्रा को जारी रखना चाहते हैं।’’
वर्ल्ड रिकॉर्ड पर बात करते हुए स्वप्निल डंगारिकर, आधिकारिक निर्णायक, गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने कहा, ‘‘यह सबसे बड़ा नोटबुक सेंटेंस बनाने का रिकॉर्ड प्रयास था। इससे पहले यह रिकॉर्ड 2019 में 7674 नोटबुक्स के साथ बनाया गया, उस समय भी मैं निर्णायक था। आज एक बार फिर से मैंने देखा कि वोडाफोन आइडिया ने कितनी नोटबुक्स का इस्तेमाल कर यह रिकॉर्ड बनाया। नोटबुक्स और डिज़ाइन पहले से अनुमोदित थे। फाइनल जांच के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि 23071 नोटबुक्स के साथ वोडाफोन आइडिया ने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है और सबसे बड़े नोटबुक सेंटेंस के साथ नया गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। मैं इस उपलब्धि के लिए वी को बधाई देना चाहूंगा।’’
वी का मौजूदा कैंपेन ‘बी समवन्स वी’ यह शक्तिशाली संदेश देता है कि अच्छे-बुरे हर समय में एक दूसरे का साथ दें, आप छोटे से प्रयासों से भी दूसरों के प्रति सहानुभूति को दर्शा सकते हैं। इसका उद्देश्य ऐसी समावेशी दुनिया का निर्माण करना है, जहां लोग अपने आप को अकेला महसूस न करें, उन्हें यह अहसास हो कि कोई है जो उनकी देखभाल करने, उन्हें प्यार करने के लिए मौजूद है।